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हिंदी – विभाग

विभाग के बारे में (About the Department)

सन 1995 में श्री अग्रसेन महाविद्यालय की स्थापना के साथ ही स्नातक सामान्य हिन्दी पाठ्यक्रम का पठन-पठन प्रारम्भ हुआ। सौभाग्य से श्री सुशील कुमार मिश्रा हिन्दी विभाग के अध्यक्ष के साथ-साथ महाविद्यालय के प्रथम प्रभारी शिक्षक भी रहें। 21 अप्रैल 2010 में श्री सुशील मिश्रा का स्थानांतरण बागडोगरा कॉलेज में हो गया। उनकी अनुपस्थिति में सुश्री सुनीता सिंह ने विभाग को आगे बढ़ाने में अपना बहुमूल्य योगदान दिया, जो इसी महाविद्यालय की छात्रा रही हैं। 9 दिसंबर 2016 में श्री राजू कुमार का सहायक प्राध्यापक के तौर पर नियुक्ति हुई और साथ ही डॉ. मजीद मियां का 15 दिसंबर 2016 को। श्री राजू कुमार के तत्वधान में महाविद्यालय की प्रभारी शिक्षिका डॉ. जयिता बसु ने हिन्दी सम्मान खुलवाने का निर्णय लिया। 2017 से सामान्य (जर्नल) हिन्दी के साथ-साथ हिन्दी सम्मान (ऑनर्स) की पढ़ाई हो रही है। हिन्दी सम्मान का वार्षिक परीक्षा द्वारा एक पूर्व सत्र और सी. बी. सी. एस. पाठ्यक्रम का एक सत्र उतीर्ण हो चुका है। स्नातक के पश्चात कुछ विद्यार्थी स्नातकोत्तर, बी.एड. और पी. जी. डी. टी. पाठ्यक्रम में दाखिला लिए हैं। कुछ आर्थिक कमी के कारण घर पर बैठे हैं और कुछ लड़के निजी कंपनियों में काम कर रहे हैं। कुछ एक विद्यार्थियों का उच्चशिक्षा में रुचि है।

 

वर्तमान समय में हिन्दी सम्मान (ऑनर्स) पाठ्यक्रम में 17 विद्यार्थी और हिन्दी सामान्य (जर्नल) पाठ्यक्रम में कुल 30 विद्यार्थी दाखिल हैं। विद्यार्थियों का विषय के साथ लगाव अधिकाधिक हो, इसके लिए हिन्दी पखवाड़ा में वस्तुनिष्ठ प्रश्नोंत्तरी, निबंध प्रतियोगिता, वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। विद्यार्थियों के ज्ञान वर्धन हेतु समय-समय पर विभिन्न विषयों पर एकल व्याख्यान सह राष्ट्रिय एवं अंतराष्ट्रीय संगोष्ठियों तथा वेबिनारों का आयोजन होता रहा है। वर्तमान समय में विभागीय शिक्षक और एक शिक्षिका हैं- डॉ. राजुकुमार, सहायक प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष, डॉ. मजीद मियां, सहायक प्राध्यापक, सुश्री सुनीता सिंह, सेक्ट। सभी शिक्षक नियमित कक्षा के साथ-साथ विद्यार्थियों के सहयोग के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। महाविद्यालय में हिन्दी स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम खुलवाने पर भी कार्य चल रहा है।


विभाग के लक्ष्य और उद्देश्य (Aims and Objectives)

  • हिंदी पाठ्यक्रम के जरिये विद्यार्थियों का दृष्टिकोण विकसित करना।
  • छात्रों के पढ़ने-लिखने और संचार कौशल का विकास करना।
  • प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक हिंदी साहित्य के इतिहास के बारे में जानकारी प्राप्त कराना।
  • विद्वानों द्वारा लिखी गई रचनाओं के आधार पर साहित्यिक कृतियों से परिचित कराना।
  • साहित्यिक एवं भाषाई सिद्धांत के बारे में जानकारी प्राप्त कराना।
  • विद्यार्थियों में हिंदी भाषाविज्ञान और व्याकरण का दृष्टिकोण विकसित कराना।
  • विद्यार्थियों में साहित्य और भाषा अवधारणाओं के अनुप्रयोग को बढ़ावा देना।
  • भाषा क्षमता को मजबूत करने के लिए बुनियादी जरूरतों का विस्तार करना।
  • विद्यार्थियों को देश-दुनिया में भाषा मूलक रोजगार के लिए प्रेरित करना।

दृष्टि (Vision)

  • विद्यार्थियों को हिन्दी साहित्य के साथ-साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना।
  • हिन्दी भाषा के ज्ञान में सुधार करना।
  • संचार और शैक्षिक कौशल में सुधार।
  • रोजगार के लिए योग्यता में सुधार।
  • स्वरोजगार के कौशल का विकास करना।
  • उच्च शिक्षा के लिए उपयुक्त बनाना।
  • नैतिक, मानवीय मूल्यों का विकास करना।
  • विद्यार्थियों को सामाज की समस्याओं से जोड़ना तथा उसके निवारण के लिए प्रेरित करना।
  • हिन्दी में हाल के रुझानों (जैसे प्रशासनिक पत्र-लेखन आदि) से परिचित कराना।

पाठ्यक्रम की पेशकश (Course Offered)

क्रम पाठ्यक्रम का नाम लागू वर्ष
1 हिन्दी साधारण 1995
2 हिन्दी सम्मानीय 2017

 

 

  • डॉ. राजू कुमार

    विद्यावाचस्पति

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  • डॉ. मो. मजीद मियां

    विद्यावाचस्पति

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  • श्रीमति सुनीता सिंह

    विद्यावाचस्पति (पूर्णता की ओर)

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